फेब्रिफिट कैप्सूल बुखार, खांसी एवं सर्दी से दिलाएं छुटकारा
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Febrifit capsules relieve fever cough and cold
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आयुर्वेद, 5 हजार साल पुरानी पद्धति है, जिसमें हर रोग को जड़ से खत्म करने की शक्ति हैं, अक्सर सर्दियों में देखा जाता हैं, कि बुखार, सिर और शरीर में दर्द, खांसी और भरी हुई या बहती नाक जैसी बिमारियों से सामान्यत काफी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, जिसके बारे में जड़ी बूटियों पर गहन अध्ययन करते हुए भारत की आयुर्वेदिक फार्मा कम्पनी राजस्थान औषधालय प्रा.लि. (आरएपीएल गु्रप) मुम्बई ने फेब्रिफिट नामक आयुर्वेदिक मेडिसिन का निर्माण किया है।

राजस्थान औषधालय की बीएएमएस एम.डी. आयुर्वेदाचार्य डॉ. भक्ती ने बताया कि फ्लू एक सामान्य श्वसन की बीमारी है, जो इन्फ्लूएंजा, कोविड-19, आदि जैसे वायरस से होती है, जिसमें सामान्यतः देखा जाता हैं, कि बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द,खांसी, नाक का बहना, पाया जाता हैं, वहीं सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोगों को फ्लू के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं, आमतौर पर दिसंबर और फरवरी के बीच में सबसे अधिक रोगी (पीक) के होते हैं। यह सबसे आम संक्रामक रोगों में से एक है। कभी-कभी ये संक्रमण गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते है, जिसको देखते हुए राजस्थान औषधालय का फेब्रिफिट कैप्सूल का ईस्तेमाल करने से इन गम्भीर बिमारियों को खत्म किया जा सकता है।

आरएपीएल गु्रप की बीएएमएस एम.डी. आयुर्वेदाचार्य डॉ. शितल गोसावी के अनुसार फेब्रिफिट में अडूलसा, पीपली, काली मिर्च का समावेश किया गया हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू कोविड और स्वाइन फ्लू के कारण होने वाले बुखार नियंत्रित होता है। अडूलसा का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इससे बार-बार होने वाली सर्दी और खांसी, अस्थमा और टॉन्सिल के संक्रमण जैसी सांस की समस्याओं को कम करने में लाभदायिक है, साथ ही ये लीवर के कार्यों को नियंत्रित करता है और रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है। फेब्रिफिट में अडूलसा, पीपली, काली मिर्च का उपयोग होने से ये बहुत ही प्रभावशाली काम करता है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार इन जड़ी बूटियों मे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुणधर्म हैं जो सभी तरह के विषाणुओं के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते है।

इसी के साथ फेब्रिफिट में तुलसी भी ईस्तेमाल किया गया हैं, तुलसी का आध्यात्मिक और औषधी दोनों में महत्व है, जो इसे आयुर्वेद से जोड़ता है, इसके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी भी माना जाता है। प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर तुलसी विटामिन सी और जिंक से भरपूर होती हैं, साथ ही तुलसी में ब्रॉड स्पेक्ट्रम रोगो जैसी गतिविधि सहित कई प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया से लड़ती है। डॉ. गोसावी की माने तो तुलसी का ईस्तेमाल किये जाने से खांसी, अस्थमा, दस्त, बुखार, गले में दर्द, अपच, हिचकी, उल्टी, आदि पेट से संबधित रोग से मनुष्य की कई बिमारियों को खत्म किया जा सकता है। 

वहीं डॉ. भक्ती ने बताया कि वहीं शुंठी की बात की जाएं, तो फेब्रिफिट में इसका उपयोग किया गया हैं, शुंठी भोजन के पाचन और अवशोषण को उत्तेजित करता है, पाचन क्रिया का सुधार करने में उपयोगी माना जाता हैं, सर्दी खांसी और अन्य श्वसन विकारों को कम करने में निर्णायक माना जाता हैं। फेब्रिफिट कैप्सूल का उपयोग दिन में दो बार हल्के गरम पानी से लेंवे।

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Author

  • Dr. Shital Gosavi

    Dr. Shital Gosavi, is an M.D Ayurveda is not just Medical Practitioner but also a health coach. She is practicing Ayurveda & Panchakarma since last 10 years. Her deep understanding of traditional practices such as Ayurveda, Yoga & Garbha Sanskar coupled with modern dietetics and nutrition helped thousands of patients to bring a holistic change in their life. These articles are based on her clinical experiences.

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